एक रहिस तोता तैरिस था बनेबन लगाइस था गोता वही मिलिस एक रोज ठुनक-ठुनक रोता ! एक रहिस मैना छमकिस थी छनेछन नचाइस थी नैना उसने ही छीन लिहिस तोते का चैना ! एक रहिस दुनिया मजा-मस्त चाभिस दिस प्रेम-रसित बुनिया प्रेम-राग ओटिस विथ घोटिस हरमुनिया !
हिंदी समय में राकेश रंजन की रचनाएँ