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कविता

एक रहिस दुनिया

राकेश रंजन


एक रहिस तोता
तैरिस था बनेबन लगाइस था गोता
वही मिलिस एक रोज ठुनक-ठुनक रोता !

एक रहिस मैना
छमकिस थी छनेछन नचाइस थी नैना
उसने ही छीन लिहिस तोते का चैना !

एक रहिस दुनिया
मजा-मस्त चाभिस दिस प्रेम-रसित बुनिया
प्रेम-राग ओटिस विथ घोटिस हरमुनिया !

 


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